दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम आपको Journal Entry Rules In Hindi के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका इस्तेमाल करके आप घर बैठे आसानी से Journal Entry को सोल्व कर सकते हो | दोस्तों आइये जानते हैं Journal Entry Rules In Hindi में |
Journal Entry Rules In Hindi
Journal Entry क्या होती हैं -:
- जो भी हम किसी भी बड़े या छोटे व्यापार में लेन – देन या कोई भी सोदा करते हैं |
जैसे – : किसी भी कंपनी से माल खरीदना, किसी भी ब्यक्ति को माल बेचना, किसी को पैसा का भुगतान करना, किसी से पैसा का भुगतान लेना आदि सोदा हम करते हैं | उसे हम अपनी बुक में लिख लेते हैं ताकि हमे पता रहे की किसका कितना हिसाब हैं | उसे ही जर्नल एंट्री कहते हैं | दोस्तों इसका हिसाब – किताब रखने के लिए हम अपने कंप्यूटर में टैली सॉफ्टवेयर में साल्व्ड कर लेते हैं उसमे सब कुछ निकल आता हैं की हमने कितने का माल बेचा और कितने का ख़रीदा तथा किसको कितना पैसा देना हैं और कितना लेना हैं पूरी रेपोट्स तैयार कर देता है |
Journal में लेखा (Entry) करने के तीन नियम होते हैं
Notes – दोस्तों जिस प्रकार से इंग्लिश में टेंस करने के लिए तीन रूल की जरुरत पड़ती हैं उसी प्रकार से जर्नल एंट्री करने के लिए तीन रूल की जरुरत पड़ती हैं | जिस तरह से टेंस की पहिचान करने के बाद उसका रूल लगाते थे, उसी प्रकार से जर्नल एंट्री की पहिचान करने के बाद रुल लगाते हैं |
तो दोस्तों अब आइये जर्नल एंट्री की पहिचान देखते हैं और जर्नल एंट्री करने के रूल देखते हैं |
व्यक्तिगत खाते – Personal Account -:
- इसके अन्तरगत किसी भी व्यक्ति का नाम, किसी भी संस्था का नाम, किसी भी कंपनी का नाम आदि के नाम से खाते खोले जाते हैं | पर्सनल एकाउंट कहलाते हैं |
जैसे -:
- राम का खाता, बैंक में खाता
- वीनस ऑटोमोबाइल कंपनी में खाता आदि |
जर्नल एंट्री करने के नियम- Rule Of Accounting -:
- पाने बाले व्यक्ति को Dr.( Debit ) करते हैं |
- देने वाले व्यक्ति को Cr. ( Credit ) करते हैं |
जैसे – :
- राम से माल ख़रीदा – 2000 .
Purchase a/c Dr. 2000
Ram’s a/c Cr. 2000
Note – दोस्तों ये एक उदाहरण हैं इस एंट्री को हम सही प्रकार से समझने के लिए आगे देखेगे |
वास्तविक खाता – Real Account -:
- जो खाते व्यपार की चल तथा अचल मूर्त तथा अमूर्त आदि सम्पति को दर्शाते हैं | वास्तविक खाते कहलाते हैं इसके अंतर्गत वस्तु आती है |
जैसे -:
- फर्नीचर, मेज, टेबल, कंप्यूटर, रोकड़, आदि |
जर्नल एंट्री करने के नियम – Rule Of Accounting
- व्यापार में आने वाली सम्पति को डेबिट ( Dr. ) करते हैं |
- व्यपार से जाने वाली सम्पति को क्रेडिट ( Cr. ) करते हैं |
जैसे -:
- फर्नीचर ख़रीदा 20000
Furniture a/c Dr. 20000
Cash a/c Cr. 20000
अवास्तविक खाता – Nominal Account
- जो खाते व्यपारिक की आय व्यय तथा हानि लाभ आदि को दर्शाते हैं | नोमिनल खाते कहलाते हैं |
जैसे -:
- वेतन दिया
- मजदूरी दी
- कमीशन मिला आदि |
जर्नल एंट्री करने के नियम – Rule Of Accounting
- सभी व्यय एव हानि को डेबिट ( Dr. ) करते हैं |
- सभी हानि एव लाभ को क्रेडिट ( Cr. ) करते हैं |
जैसे -:
- वेतन दिया 5000 .
Salary A/C Dr. 5000
Cash A/C Cr. 5000
Note –
- दोस्तों ये थे जर्नल एंट्री करने के नियम की जर्नल एंट्री करते समय कौन – सा रूल किस एंट्री में लगेगे और कैसे लगेगा | दोस्तों अब देखेंगे जर्नल एंट्री करते समय उसका फोर्मेट कैसा बनाते हैं आइये जानते हैं –
जर्नल एंट्री करने का नमूना – Journal Entry Sample -:
राम से 20000 रू का माल ख़रीदा |
Date | Particular | Ledger Folio | Amount Debit | Amount Credit |
01-04-2021 | Purchase A/C Dr.
Ram’s A/C Cr. ( Being Goods Purchase From Ram ) |
1 | 20000 | 20000 |
- तारीक – Date
इसमे वह तिथि लिखी जाती हैं जिस तिथि पर सम्बन्धित सोधा या घटना होता हैं |
- विवरण – Particular
इसमें सम्बन्धित सोदा के नियम के नियम के अनुसार लेखा किया जाता हैं |
- प्रष्ट संख्या – Ledger Folio
इसमें वह संख्या लिखी जाती हैं जिसमे सम्बन्धित लेन – देन की खतोनी की गयी हो |
- राशी ऋण – Amount Debit
लेखा करते समय जिन मदों को डेबिट पक्ष में लिखा जाता हैं उनकी राशी इसमें लिखी जाती हैं |
- राशी धनी – Amount Credit
लेखा करते समय जिन मदों को क्रेडिट पक्ष में लिखा जाता हैं उनकी राशी इसमें लिखी जाती हैं |
इन्हें भी पढ़े -:
जर्नल एंट्री करते समय कुछ शब्द याद रखना जरुरी हैं
- प्रारम्भिक रहतिया – Opening Stock
वर्ष के अंत में जो माल पिचले वर्ष का रह जाता है उसे वर्ष के प्रारम्भ में लगाते हैं उसे प्रारम्भिक रहतिया कहते हैं |
- अंतिम रहतिया – Closing Stock
वर्ष के अंत में जो माल विकने से रह जाता हैं उसे क्लोजिंग स्टॉक कहते हैं |
- आवधिक विक्री – Turnover
एक निशचित अवधि तक होने वाली नकद एव उधार विक्री को Turnover कहते हैं |
- कमीशन- Commission
माल की मात्रा के आधार पर खरीद के समय दिए गए डिस्काउंट को कमीशन कहते हैं |
- कंपनी का पार्टनर – Partner
जव व्यापर में एक से ज्यादा व्यक्ति एक निश्चित अंश के रूप में कैपिटल ( पैसा या माल ) लगाकर व्यपार शुरू करते हैं तो उन्हें कंपनी का पार्टनर कहते हैं |
- कंपनी का मालिक – Properties
वह व्यक्ति जो व्यपार में कैपिटल ( पूंजी ) लगाता हैं ट्रेड का संचालन करता हैं प्रॉफिट एंड लोस का जिम्मेदार होता हैं उसे कंपनी का मालिक कहते हैं |
- सम्पति – Fixed Assets
सम्पति में वे सब वस्तुए आती हैं जो अधिक समय तक चलती हैं जिन्हें स्थाई सम्पति कहते हैं
- पूंजी – Capital
उस धन राशी या माल को पूजी कहा जाता हैं जिसे व्यवसाय का स्वामी व्यवसाय में लगता हैं उसी से व्यापार शुरू किया जाता हैं
- आहरण – Drawing
व्यपार का स्वामी अपने प्रयोग के लिए जो धनराशि या माल व्यपार से अपने निजी प्रयोग के लिए निकालता हैं उसे आहरण कहते हैं |
- दायित्व – Liabilities
वह धन जो व्यापरी दुसरे को देता हैं दायित्व कहलाता हैं |
- माल – Goods
जिस वस्तु का कोई व्यापरी व्यपार करता हैं उसे माल कहते हैं |
- कटोती – Discount
कभी कभी व्यापारी अपने ग्राहक से वस्तु का पूरा मूल्य न लेकर कुछ छोड़ देता अंत माल के मूल्य में कुछ रियासत दे देता हैं उसे डिस्काउंट कहते हैं |
- व्यापारिक छुट – Trade Discount
इस छुट का प्रमुख्य उधेश्य माल की विक्री को बढाना आता हैं इसका पुस्तक में कोई लेखा नहीं होता हैं |
- नकद छुट – Cash Discount
इस छुट का प्रमुख्य उधेश्य कस्टमर से जल्द से जल्द भुगतान प्राप्त करना आता हैं इसका पुस्तक में लेखा किया जाता हैं |
- खाता – Account
जव किसी वस्तु या व्यक्ति विशेष से सम्बन्धित सोदे छाटकर एक स्थान पर लिखें जाते हैं तो वह उस व्यक्ति या वस्तु विशेष का खाता कहलता हैं |
- प्रमाणक – Voucher
जव माल या धन लेन – देन किया जाता हैं तो उसे प्रमाणित करने के लिए जो प्रपत्र ( Document) त्तैयर किया जाता है उसे वाउचर कहते हैं |
- स्पष्टीकरण – Narration
रोजाना मचा ( Journal Entry ) के ठीक नीचे दिए गए संचिप्त विवरण को स्पष्टीकरण कहते हैं |
- आय – Income
व्यपारिक लेन – देन के कारण जो आमनदनी व्यपारी को होती हैं उसे आय कहते हैं |
- व्यय – Expenses
आय की उत्पत्ति के लिए प्रयुक्ति वस्तुओं की लागत व्यय कहलाती हैं | इससे व्यपारी को पूजी में कमी आती हैं |
- लेखा – Entry
प्रत्येक सोदे को पुस्तपालन के नियमो और सिधान्तो के अनुसार लेखा किया जाता हैं |
- जीवत स्कन्द – Live Stock
इसके अंतर्गत पशु पक्षी आदि आते हैं |
- पेशा– Profession
किसी विशेष योग्यता के द्वारा धन कमाना पेशा कहलाता हैं |
- व्यापार – Business
किसी वस्तु के क्रय – विक्रय या उत्पादक द्वारा धन कमाना व्यपार कहलाता हैं |
- असामान्य हानि – Abnormal Loss
जो हानि व्यापरी के लापरवाही आग लगना, माल चोरी होना या अन्य किसी आपदा के कारण होने वाली हानि को असामान्य हानि कहते हैं |
- देनदार – Debtors
इसमें सभी पर्सनल अकाउंट शामिल किये जाते हैं संस्था द्वारा जिन व्यक्ति या कंपनी को माल वेचा जाता हैं उन्हें देनदार कहाँ जाता हैं |
- लेनदार – Creditors
इसमे सभी पर्सनल अकाउंट शामिल किये जाते हैं | संस्था द्वारा जिन कंपनी या व्यक्ति से माल ख़रीदा जाता हैं उहे लेनदार कहते हैं |
- प्रत्यक्ष व्यय – Direct Expenses
जो व्यय प्रति इकाई किसी उत्पादक पर तय किये जाते हैं उन्हें प्रत्यक्ष व्यय कहते हैं |
- अप्रत्यक्ष व्यय – Indirect Expenses
जो व्यय प्रति इकाई किसी उत्पादक पर तय नहीं किये जाते हैं उन्हें अप्रत्यक्ष व्यय कहते हैं |
- नकद व्यापार – Cash Trade
जव व्यापरी किसी भी वस्तुओं की क्रय – विक्रय केवल नकद करता हैं उसे नकद व्यापार कहते हैं |
- उधार व्यापार – Credit Trade
जव व्यापरी किसी भी वस्तुओं की क्रय – विक्रय केवल उधार करता हैं उसे उधार व्यापार कहते हैं |
- क्रय – Purchase
व्यापारी जिस माल का व्यापार करता है उसकी खरीद को क्रय कहते हैं |
- विक्रय – Sales
व्यापारी जिस माल का व्यापार करता है उसकी विक्री को विक्रय कहते हैं |
- अशोध्य ऋण – Bad debts
व्यापारी द्वारा उधार वेचे गए माल में से जो पैसा डूब जाता हैं उसे अशोध्य ऋण कहते हैं |
- क्रय वापिसी – Purchase Returns
माल खरीदने के बाद यदि यह पता चलता है की जिस तरीके का माल व्यपारी चाहता हैं उस तरीका का नहीं हैं माल में कोई दोष हैं तो जितना माल वापिस किया जाता हैं उसे क्रय वापिसी कहते हैं |
- विक्रय वापिसी – Sales Returns
माल बेचना के बाद यदि यह पता चलता है की उस तरीके का माल व्यपारी चाहता हैं उस तरीके का नहीं हैं माल में कोई दोष हैं तो जितना माल वापिस आता हैं उसे विक्रय वापिसी कहते हैं |
Journal Entry Ledger Group – जर्नल एंट्री ग्रुप
Indirect Exp. – अप्रत्यक्ष व्यय
- Interest ब्याज
- Rent किराया
- Light Exp. लाइट खर्च
- Commission Dr. कमीशन डेबिट
- Postage Exp. डाकखाना खर्च
- Salary वेतन
- Travelling Exp. यात्रा खर्चा
- Insurance Exp. वीमा खर्च
- Advertisement Exp विज्ञापन खर्च
- Office Exp. कर्याले खर्च
- Depreciation Exp. हिराश खर्च
- General Exp. सामान्य खर्च
- Trading Exp. व्यापार खर्च
- Donation दान
- Bank Charges बैंक खर्च
- Telephone Exp. टेलीफ़ोन खर्च
- Repair Exp मरमत खर्च
- Computer Exp कंप्यूटर खर्च
- Mobile Exp मोबाइल खर्च
- Discount Dr. छुट डेबिट
- Printing Exp छपाई खर्च
- Shop Exp. दुकान खर्च
- Laptop Exp. लैपटॉप खर्च
Direct Exp. – प्रत्यक्ष व्यय
- Wages मजदूरी
- Freight भाडा
- Carriage भाडा ब्रह
- Water पानी
- Excise Duty सीमा शुल्क
- Octroi चुंगी
- Fuel Light Power इधन, शक्ति, बिजली
- Freight In Word गाड़ी भाडा
- Director Fees संचालक फीस
- Subscription चंदा दिया
- Cost Of Goods Sold बेचीं गयी बस्तुओ की लागत
- Menu Factoring निर्माण व्यय
- Repairs मरम्मत
- Carriage in Word आंतरिक भाडा
Fixed Assets – स्थाई सम्पति
- Building भूमि
- Motor मोटर
- Machine मशीन
- Furniture फर्नीचर
- Plant And Machine प्लांट एंड मशीन
- Shop दुकान
- Computer कम्पुटर
- Mobile मोबाइल
- Laptop लैपटॉप
- Books किताब
- Good Will ख्याति
- Vehicle बहान
Others Ledgers
- Capital पूजी Capital
- Drawing आहरण Capital
- Purchase खरीदना Purchase
- Sales वेचना Sales
- Cash रोकण Cash In Hand
- Purchase Return खरीदना वापिस Purchase
- Sales Return वेचना Sales
- GST जी एस टी Duty And Tax
- Opening Stock प्ररम्बिक रहतिया Stock In Hand
- Closing Stock अंतिम रहतिया Stock In Hand
- Bills Payable बिल देना Current Liabilities
- Bills Receivable बिल लेना Current Liabilities
- Creditors लेनदार Sundry Creditors
- Debtors देनदार Sundry Debtors
Journal Entry Transaction – जर्नल एंट्री के सोदे
Account – 1 – Unsolved Journal Entry ( Simple Entry )
- रोकड़ से व्यपार शुरू किया – 500000/-
- राम से माल ख़रीदा – 20000/-
- राम को माल वापिस किया – 2000/-
- राम को पूर्ण भुगतान में दिए – 18000/-
- मोहन को माल बेचा – 30000/-
- मोहन से माल वापिस आया – 3000/-
- मोहन से पूर्ण भुगतान में मिले – 27000/-
- नकद माल ख़रीदा – 1000/-
- नकद माल बेचा – 2000/-
- माल बेचा – 3000/-
Note – :
- Purchase Account हमेशा Dr. होता हैं लेकिन Nominal Account में Cr. भी हो जाता हैं वो हम आपको आगे समझायेगे | और Purchase Returns हमेशा Cr. होता हैं |
- Sales Account हमेशा Cr. होता हैं और Sales Returns Account हमेशा Dr. होता हैं |
Account – 1 – Solved Journal Entry
Date
|
Particular
|
L/F
|
Amt Dr.
|
Amt Cr.
|
01-04-021 | Cash A/C Dr.
Capital A/C Cr. ( Being Business Started with cash ) |
1 | 500000 |
500000 |
02-04-021 | Purchase A/C Dr.
Ram’s A/C Cr. ( Being goods purchase from ram ) |
1 | 20000 |
20000 |
03-04-021 | Ram’s A/C Dr.
Purchase Returns A/C Cr. ( Being goods purchase returns to ram ) |
1 | 2000 |
2000 |
04-04-021 | Ram’s A/C Dr.
Cash A/C Cr. ( Being cash full payment to ram ) |
1 | 18000 |
18000 |
05-04-021 | Mohan’s A/C Dr.
Sales A/C Cr. ( Being goods sales to mohan ) |
1 | 30000 |
30000 |
06-04-021 | Sales Returns A/C Dr.
Mohan’s A/C Cr. ( Being goods returns from mohan ) |
1 | 3000 |
3000 |
07-04-021 | Cash A/C Dr.
Mohan’s A/C Cr. ( Being cash full receive from mohan ) |
1 | 27000 |
27000 |
08-04-021 | Purchase A/C Dr.
Cash A/C Cr. ( Being goods purchase by cash ) |
1 | 1000 |
1000 |
09-04-021 | Cash A/C Dr.
Sales A/C Cr. ( Being goods sales by cash ) |
1 | 2000 |
2000 |
10-04-021 | Cash A/C Dr.
Sales A/C Cr. ( Being goods sales by cash ) |
1 | 3000 |
3000 |
Account – 2 – Unsolved Journal Entry
- राम ने व्यापार शुरू किया – 1000000/-
- मोहन से नकद माल ख़रीदा – 20000/-
- श्याम को नकद माल बेचा – 3000/-
- राम से माल क्रय किया – 1000/-
- रमेश को माल विक्रय किया – 2000/-
- बाबू को रकाड दी – 5000/-
- माल वापिस किया 4000/-
- माल क्रय किया 2000/-
- श्याम से रोकड़ प्राप्त हुई – 1000/-
- राम और श्याम ने व्यापार शुरू किया – 200000/-
Note -:
- नकद माल बेचने और खरीदने पर व्यक्ति का नाम नहीं लिखा जाता क्योकि व्यक्ति हमे पैसा दे देता हैं और माल ले जाता हैं तो हमे व्यक्ति से कोई मतलव नहीं होता इसलिए जर्नल एंट्री करते समय नाम नहीं लिखते हैं | उसकी जगह पर Cash लिख दे देते हैं |
- माल ख़रीदा या माल क्रय या माल प्राप्त किया इन तीनो का मतलव एक ही होता हैं |
- माल बेचा या माल विक्रय किया या माल दिया इन तीनो का मतलव एक ही होता हैं |
- यदि कोई भी व्यक्ति व्यापार शुरू करता हैं तो उस व्यक्ति का नाम न लिखकर उसकी जगह पर Capital ( पूजी ) लिखते हैं |
Account – 2 – Solved Journal Entry
Date | Particular | L/F | Amt Dr. | Amt Cr. |
01-04-021 | Cash A/C Dr.
Capital A/C Cr. ( Being Business started with cash ) |
1 | 1000000 |
1000000 |
02-04-021 | Purchase A/C Dr.
Cash A/C Cr. ( Being goods purchase from mohan by cash ) |
1 | 20000 |
20000 |
03-04-021 | Cash A/C Dr.
Sales A/C Cr. ( Being goods sales to shyam by cash )
|
1 | 3000 |
3000 |
04-04-021 | Purchase A/C Dr.
Ram’s A/C Cr. ( Being goods purchase from ram ) |
1 | 1000 |
1000 |
05-04-021 | Ramesh’s A/C Dr.
Sales A/C Cr. ( Being goods sales to ramesh ) |
1 | 2000 |
2000 |
06-04-021 | Babu’s A/C Dr.
Cash A/C Cr. ( Being cash payment to babu ) |
1 | 5000 |
5000 |
07-04-021 | Cash A/C Dr.
Purchase Returns A/C Cr. ( Being goods purchase returns by cash ) |
1 | 4000 |
4000 |
08-04-021 | Purchase A/C Dr.
Cash A/C Cr. ( Being goods purchase by cash ) |
1 | 2000 |
2000 |
09-04-021 | Cash A/C Dr.
Shyam’s A/C Cr. ( Being cash receive from shyam ) |
1 | 1000 |
1000 |
10-04-021 | Cash A/C Dr.
Capital A/C Cr. ( Being business started with cash ) |
1 | 200000 |
200000 |
Account – 3 – Unsolved Journal Entry
- मोहन ने फर्नीचर ख़रीदा – 20000/-
- राम से फर्नीचर ख़रीदा – 30000/-
- सुरेश से मशीन ख़रीदी – 100000/-
- महेश को फर्नीचर बेचा – 25000/-
- कंप्यूटर ख़रीदा – 20000/-
- राम को बेतन दिया – 5000/-
- सुरेन्द्र से कमीशन मिली – 3000/-
- प्रकाश ने 6000 रोकड़ी तथा 2000 रु के माल के साथ व्यापार शुरू किया |
- नकद देकर माल ख़रीदा – 4000/-
- राम और श्याम को मजदूरी मिली – 4800/-
Note -:
- जब जर्नल एंट्री में पर्सनल अकाउंट और नोमिनल अकाउंट दोनों दिए हो तो पर्सनल अकाउंट को छोड़कर नोमिनल अकाउंट का रूल लगाते हैं |
- यदि व्यक्ति के नाम के पीछे से और ने लिखा हो तो व्यक्ति का नाम हमेशा Cr. में लिखा जायेगा और व्यक्ति के नाम के पीछे को लिखा हो तो व्यक्ति का नाम हमेशा Dr. में लिखा जायेगा |
Account – 3 – Solved Journal Entry
Date | Particular | L/F | Amt Dr. | Amt Cr. | |
01-04-021 | Furniture A/C Dr.
Cash A/C Cr. ( Being furniture purchase from mohan ) |
1 | 20000 |
20000 |
|
02-04-021 | Furniture A/C Dr.
Ram’s A/C Cr. ( Being furniture purchase from ram ) |
1 | 30000 |
30000 |
|
03-04-021 | Machine A/C Dr.
Suresh’s A/C Cr. ( Being machine purchase from suresh ) |
1 | 100000 |
100000 |
|
04-04-021 | Mahesh’s A/C Dr.
Furniture A/C Cr. ( Being furniture sales to Mahesh ) |
1 | 25000 |
25000 |
|
05-04-021 | Computer A/C Dr.
Cash A/C Cr. ( Being computer purchase by cash ) |
1 | 20000 |
20000 |
|
06-04-021 | Salary A/C Dr.
Cash A/C Cr. ( Being salary payment to ram ) |
1 | 5000 |
5000 |
|
07-04-021 | Cash A/C Dr.
Commission A/C Cr. ( Being commission receive from surendra ) |
1 | 3000 |
3000 |
|
08-04-021 | Cash A/C Dr.
Stock A/C Dr. Capital A/C Cr. |
1 | 6000
2000
|
8000 |
|
09-04-021 | Purchase A/C Dr.
Cash A/C Cr. ( Being goods purchase by cash ) |
1 | 4000 |
4000 |
|
10-04-021 | Cash A/C Dr.
Wages A/C Cr. ( Being wages receive from ram and shyam ) |
1 | 4800 |
4800 |
|
Account – 4 – Unsolved Journal Entry
- व्यपारिक व्यय दिए – 2000/-
- बिजली व्यय दिए – 12000/-
- आहरण किया – 5000/-
- मोहन को 2000 कीमत के लिए आर्डर मिला |
- एक चोर ने ऑफिस से 700 चुरा लिए किन्तु पकड़ा गया 500 रु बसूल हुयें |
- राम को 4000 रु कीमत के माल के लिए आर्डर मिला |
- 4000 रु का माल राम से आदेशनुसार प्राप्त हो गया |
- करन से 2000 रु का माल प्राप्त हुआ |
- रकड़ी से व्यापर शुरू किया – 30000/-
- व्यापार से 1000 रु का माल आहरण किया |
Note -:
- जब जर्नल एंट्री में आहरण, व्यक्तिगत, निजीकरण, निजिप्रयोग, घेरेलु उपयोग आदि दिया हो तो इन सब का मतलव Drawing होता हैं |
- आर्डर की कोई एंट्री नहीं होती यदि आर्डर पूरा किया जाए तो एंट्री की जाएगी |
Account – 4 – Solved Journal Entry
Date | Particular | L/F | Amt Dr. | Amt Dr. |
01-04-021 | Trade Expenses A/C Dr.
Cash A/C Cr. ( Being paid trade exp. ) |
1 | 2000 |
2000 |
02-04-021 | Light Exp. A/C Dr.
Cash A/C Cr. ( Being paid light exp. ) |
1 | 12000 |
12000 |
03-04-021 | Drawing A/C Dr.
Cash A/C Cr. ( Being cash personal use ) |
1 | 5000 |
5000 |
04-04-021 | No Entry ( No Order Entry ) | |||
05-04-021 | Loss By Theft A/C Dr.
Cash A/C Cr. ( Being Cash Stolen by theft ) |
1 | 200 |
200 |
06-04-021 | No Entry ( No Order Entry ) | |||
07-04-021 | Purchase A/C Dr.
Ram’s A/C Cr. ( Being goods order receive complete from ram |
1 | 4000 |
4000 |
08-04-021 | Purchase A/C Dr.
Karan’s A/C Cr. ( Being goods purchase from karan ) |
1 | 2000 |
2000 |
09-04-021 | Cash A/C Dr.
Capital A/C Cr. ( Being business started with cash ) |
1 | 30000 |
30000 |
10-04-021 | Drawing A/C Dr.
Purchase A/C Cr. ( Being goods personal use from business ) |
1 | 1000 |
1000 |
Account – 5 – Unsolved Journal Entry ( All Discount Entry )
- राम से 10% व्यपारिक छूट पर माल क्रय किया – 12000/-
- मोहन को 10% व्यपारिक छूट पर माल विक्रय किया – 20000/-
- राम को माल वापिस किया – 2000/-
- मोहन से माल वापिस आया – 4000/-
- राम को 5% नकद छूट पर अंतिम भुगतान किया |
- मोहन से 5% नदाद छूट पर अंतिम भुगतान पाया |
- रमेश को 10000 रु मूल्य का माल 20% व्यापारिक छूट तथा 5% नकद छूट पर बेचा |
- रमेश को 15% व्यापारिक छूट तथा 2.5% नकद छूट पर 4000 रु का माल बेचा और 60% राशी का तुरंत भुगतान किया |
- राम निबास से 16000 रु मूल्य का माल 10% व्यापारिक छूट व 2.5% नकद छूट पर माल ख़रीदा | पर 80% राशी का तुरंत भुगतान किया |
- बाबू को 2000 रु का माल 20% व्यापारिक छूट पर बेचा |
Note -:
व्यापारिक छुट – Trade Discount
- इस छुट का प्रमुख्य उधेश्य माल की विक्री को बढाना आता हैं इसका पुस्तक में कोई लेखा नहीं होता हैं |
नकद छुट – Cash Discount
- इस छुट का प्रमुख्य उधेश्य कस्टमर से जल्द से जल्द भुगतान प्राप्त करना आता हैं इसका पुस्तक में लेखा किया जाता हैं |
Account – 5 – Solved Journal Entry
Date | Particular | L/F | Amt Dr. | Amt Dr. |
01-04-021 | Purchase A/C Dr.
Ram’s A/C Cr. |
1 | 10800 |
10800 |
02-04-021 | Mohan’s A/C Dr.
Sales A/C Cr. |
1 | 18000 |
18000 |
03-04-021 | Ram’s A/C Dr.
Purchase Returns A/C Cr. |
1 | 1800 |
1800 |
04-04-021 | Sales Returns A/C Dr.
Mohan’s A/C Cr. |
1 | 3600 |
3600 |
05-04-021 | Ram’s A/C Dr.
Cash A/C Cr. Discount A/C Cr. |
1 | 9000 |
8550 450 |
06-04-021 | Cash A/C Dr.
Discount A/C Dr. Mohan’s A/C Cr. |
1 | 13680
720 |
14400 |
07-04-021 | Cash A/C Dr.
Discount A/C Dr. Sales A/C Cr. |
1 | 7600
400 |
8000 |
08-04-021 | Ramesh’s A/C Dr.
Cash A/C Dr. Discount A/C Dr. Sales A/C Cr. |
1 | 1360
1989 51 |
3400 |
09-04-021 | Purchase A/C Dr.
Cash A/C Cr. Discount A/C Cr. Ramnivas’s A/C Cr. |
1 | 14400 |
11232 288 2880 |
10-04-021 | Babu’s A/C Dr.
Sales A/C Cr. |
1 | 1600 |
1600 |
Account – 6 – Unsolved Journal Entry (Insurance Entry)
- मशीन की स्थापना के लिए किया गया नकद व्यय – 500/-
- माल दान में दिया – 2000/-
- 12000/- रु का डूबत ऋण जिसे पिछले बर्ष अप्राव्य मान कर समाप्त कर दिया गया था परन्तु प्राप्त हुआ |
- आग से 2000/- का माल नष्ट हुआ |
- 10000/- रु का बीमित फर्नीचर आग से जलकर नष्ट हो गया |
- वीमा कंपनी ने 8000/- रु का दावा स्वीकार किया |
- वीमा कंपनी से 8000/- रु की दावे की राशी प्राप्त हुई |
- माल चोरी हो गया – लागत मूल्य – 10000/- बिक्री मूल्य – 11000/-
- भवन निर्माण के लिए 100000/- मूल्य की ईट और 50000/- रु की लकड़ी नकद खरीदी |
- 10000/- रु की एक पुरानी मशीन खरीदी इसको लाने पर 500 रु का भाडा दिया और तुरंत इसकी मरम्मत पर 2000/- रु का व्यय किया इसे लगाने में 1000/- रु का माल भी व्यवसाय से लगा |
Note – :
जब किसी माल का बीमा हो जब किसी माल का बीमा न हो न
- माल जलने पर माल जलने पर
- Loss by ……. A/C Dr. Loss by …….. A/c Dr.
- Purchase A/C Cr. Purchase A/C Cr.
- दावा स्वीकार होने पर दावा स्वीकार होने पर
- Insurance Claim Receive A/C Dr. No Entry
- Loss by …….. A/C
- दावे की राशी प्राप्त होने पर दावे की राशी प्राप्त होने पर
- Cash A/C Dr. No Entry
- Insurance Claim Receive A/C Cr.
- दावा अस्वीकार होने पर दावा अस्वीकार होने पर
- Profit & Loss A/C Dr. Profit & Loss A/C Dr.
- Loss by ……..A/C Cr. Loss by ……… A/c Cr.
Note –:
- जब लागत मूल्य और विक्रय मूल्य दोनों दिए हो तो लागत मूल्य का लेखा होता हैं विक्रय मूल्य का नहीं |
- माल जल जाना, माल नमूने के रूप में देना, माल चोरी हो जाना आदि को Purchase account लिखते हैं और ये हमेशा Cr. में लिखते हैं |
- अशोध्य ऋण – Bad debts
- व्यापरी द्वारा उधार वेचे गए माल में से जो पैसा डूब जाता हैं उसे अशोध्य ऋण कहते हैं |
Account – 6 – Solved Journal Entry
Date | Particular | L/F | Amt Dr. | Amt Cr. |
01-04-021 | Machine A/C Dr.
Cash A/C Cr. |
1 | 500 |
500 |
02-04-021 | Drawing A/C Dr.
Purchase A/C Cr. |
1 | 2000 |
2000 |
03-04-021 | Cash A/C Dr.
Bad debts A/C Cr. |
1 | 12000 |
12000 |
04-04-021 | Lass by fire A/C Dr.
Purchase A/C Cr. |
1 | 2000 |
2000 |
05-04-021 | Loss by fire A/C Dr.
Purchase A/C Cr. |
1 | 10000 |
10000 |
06-04-021 | Insurance Claim receive A/C Dr.
Loss by fire A/C Cr. |
1 | 8000 |
8000 |
07-04-021 | Cash A/C Dr.
Insurance Claim receive A/C Cr. |
1 | 8000 |
8000 |
( ii ) | Profit & Loss A/C Dr.
Loss by fire A/C Cr. |
1 | 2000 |
2000 |
08-04-021 | Loss by theft A/C Dr.
Purchase A/C Cr. |
1 | 10000 |
10000 |
09-04-021 | Building A/C Dr.
Cash A/C Cr. |
1 | 150000 |
150000 |
10-04-021 | Machine A/C Dr.
Cash A/C Cr. Purchase A/C Cr. |
1 | 13500 |
12500 1000 |
Account – 7 – Unsolved Journal Entry ( All Bank Entry )
- P.N.B. में खाता खोला 500 रु से |
- P.N.B. में 10000/- रु जमा किये |
- P.N.B. से 8000/ रु निकले |
- S.B.I. से 50000/- रु का लोन लिया |
- S.B.I. को 250/- रु का व्याज दिया |
- बैंक से व्यक्तिगत प्रयोग के लिय राशी आहरित की 500/- रु |
- चैक द्वारा किराये का भुगतान किया 3000/- रु |
- वीमा प्रिमियम के लिए चैक जरी किये 2000/-
- किराया चैक द्वारा प्राप्त हुआ 4000/-
- माल ख़रीदा 20000/- रु का और चैक द्वारा भुगतान किया |
- मोहन का चैक द्वारा भुगतान किया 500/- रु उसने कटोती दी 10 रु |
- राम से 900 रु का भुगतान 10 % कटोती कम करके प्राप्त हुआ एक – तिहाही नकद और शेष बैंक में जमा करा दिया |
- मशीन खरीदी 8000/- रु की और चैक द्वारा भुगतान किया |
- श्याम ने हमारे बैंक खाते में सीधे जमा करा दिए 2000/-
- रमेश को माल बेचा 10000/- रु का चैक द्वारा भुगतान किया |
Note -:
- बैंक में खता खोला या बैंक में पैसे जमा किये तो Bank Account हमेशा Dr. होता है |
- चेक द्वारा किसी को भुगतान करने पर Bank Account हमेशा Dr. होता हैं |
- चेक द्वारा किसी से भुगतान प्राप्त करने पर Bank Account हमेशा Cr. होता हैं |
Account – 7 – solved Journal Entry
Date | Particular | L/F | Amt Dr. | Amt Cr. |
01-04-021 | P.N.B. Open A/C Dr.
Cash A/C Cr. |
1 | 500 |
500 |
02-04-021 | P.N.B. Deposit A/C Dr.
Cash A/C Cr. |
1 | 10000 |
10000 |
03-04-021 | Cash A/C Dr.
P.N.B. A/C Cr. |
1 | 8000 |
8000 |
04-04-021 | Cash A/C Dr.
S.B.I. Loan A/C Cr. |
1 | 50000 |
50000 |
05-04-021 | Interest’s S.B.I. A/C Dr.
Cash A/C Cr. |
1 | 250 |
250 |
06-04-021 | Drawing A/C Dr.
Bank A/C Cr. |
1 | 500 |
500 |
07-04-021 | Rent A/C Dr.
Bank A/C Cr. |
1 | 3000 |
3000 |
08-04-021 | Insurance premium A/C Dr.
Bank A/C Cr. |
1 | 2000 |
2000 |
09-04-021 | Bank A/C Dr.
Rent A/C Cr. |
1 | 4000 |
4000 |
10-04-021 | Purchase A/C Dr.
Bank A/C Cr. |
1 | 20000 |
20000 |
11-04-021 | Mohan’s A/C Dr.
Discount A/C Cr. Bank A/C Cr. |
1 | 500 |
10 490 |
12-04-021 | Bank A/c Dr.
Cash A/C Dr. Ram’s A/C Cr. |
1 | 540
270 |
810 |
13-04-021 | Machine A/C Dr.
Bank A/C Cr. |
1 | 8000 |
8000 |
14-04-021 | Bank A/C Dr.
Shyam’s A/C Cr. |
1 | 2000 |
2000 |
15-04-021 | Bank A/C Dr.
Sales A/C Cr. |
1 | 10000 |
10000 |
-: English Journal Entry Question :-
Account – 1 – Unsolved Journal Entry (Simple Entry) )
- Start business with cash 500000/.
- Purchase goods from mohan 20000/.
- Sales goods to ram 4000/.
- Receive from bansilal 3000/.
- Rent paid 500/.
- Entertainments Exp. Paid 300/.
- Purchase from sumit trading company 4000/.
- Salary paid 5000/.
- Office drawing 500/.
- Purchase furniture on credit from ramesh 30000/.
Account – 1 – Solved Journal Entry
Date | Particular | L/F | Amt Dr. | Amt Cr. |
1. | Cash A/c Dr.
Capital A/c Cr. |
1 | 500000 |
500000 |
2. | Purchase A/c Dr.
Mohan’s A/c Cr |
1 | 20000 |
20000 |
3. | Ram’s A/c Dr.
Sales A/c Cr. |
1 | 4000 |
4000 |
4. | Cash A/c Dr.
Bansilal’s A/c Cr. |
1 | 3000 |
3000 |
5. | Rent A/c Dr.
Cash A/c Cr. |
1 | 500 |
500 |
6. | Entertainment Exp. A/c Dr.
Cash A/c Cr. |
1 | 300 |
300 |
7. | Purchase A/c Dr.
Sumit trading’s A/c Cr. |
1 | 4000 |
4000 |
8. | Salary A/c Dr.
Cash A/c Cr. |
1 | 5000 |
5000 |
9. | Office Drawing A/c Dr.
Cash A/c Cr. |
1 | 500 |
500 |
10. | Furniture A/c Dr.
Ramesh’s A/c Cr. |
1 | 30000 |
30000 |
Account – 2 – Unsolved Journal Entry
- Anuradha command business with cash – 200000 goods worth – 60000.
- Open an account with canara bank by deposit – 40000.
- Sold goods for – 18000 to suma.
- Receive cheque from suma for – 17300 and allowed a discount of – 700.
- Purchase goods for – 22000 from asha.
- Issued cheque to asha for – 22000.
- Paid telephone expenses of – 5000 by cheque.
- Purchase machinery for – 20000 from priya industries.
- Made payment of – 20000 to priya industries by cheque.
- Withdraw cash – 2000 from bank for personal use.
Account – 2 – Solved Journal Entry
Date | Particular | L/F | Amt Dr. | Amt Cr. |
01-04-021 | Cash A/C Dr.
Stock A/C Dr. Capital A/C Cr. |
1 | 200000
60000 |
260000 |
02-04-021 | Canera Bank A/C Dr.
Cash A/C Cr. |
1 | 40000 |
40000 |
03-04-021 | Suma’s A/C Dr.
Sales A/C Cr. |
1 | 18000 |
18000 |
04-04-021 | Bank A/C Dr.
Discount A/C Dr. Suma’s A/C Cr. |
1 | 17300
700 |
18000 |
05-04-021 | Purchase A/C Dr.
Asha’s A/C Cr. |
1 | 22000 |
22000 |
06-04-021 | Asha’s A/C Dr.
Bank A/C Cr. |
1 | 22000 |
22000 |
07-04-021 | Telephone Exp. A/C Dr.
Bank A/C Cr. |
1 | 5000 |
5000 |
08-04-021 | Machinery A/C Dr.
Priya Industries A/C Cr. |
1 | 20000 |
20000 |
09-04-021 | Priya Industries A/C Dr.
Bank A/C Cr. |
1 | 20000 |
20000 |
10-04-021 | Drawing A/C Dr.
Bank A/C Cr. |
1 | 2000 |
2000 |
Account – 3 – UnSolved Journal Entry ( All Discount Entry )
- He goods purchase from ram 20000. at a trade discount 10%.
- He goods sold to shyam 30000. at a trade discount 10%.
- He goods purchase from ramesh 50000. at a trade discount 10% and cash discount 2%.
- He goods sold to mohan 30000. at a trade discount 15% and cash discount 2.5%.
- He goods purchase from rajesh 50000. at a trade discount 15% and cash discount 5% and 60% amount due is paid.
- He goods sold to rohan 40000. at a trade discount 10% and cash discount 2% and 50% amount due is paid.
- Cash receive from suresh 34500. Discount allowed 500.
- Sold goods on credit to lara creation 35000.
- Goods returns by lara creation 5000.
- Cheque receive from lara creation as final settlement 29500. Discount allowed 500.
Account – 3 – Solved Journal Entry
Date | Particular | L/F | Amt Dr. | Amt Cr. |
01-04-021 | Purchase A/C Dr.
Ram’s A/C Cr. |
1 | 18000 |
18000 |
02-04-021 | Shyam’s A/C Dr.
Sales A/C Cr. |
1 | 30000 |
30000 |
03-04-021 | Purchase A/C Dr.
Discount A/C Cr. Cash A/C Cr. |
1 | 45000 |
900 44100 |
04-04-021 | Cash A/C Dr.
Discount A/C Dr. Sales A/C Cr. |
1 | 24862.5
637.5 |
25500 |
05-04-021 | Purchase A/C Dr.
Cash A/C Cr. Discount A/C Cr. Ramesh’s A/C Cr. |
1 | 42500 |
24225 1275 17000 |
06-04-021 | Rohan’s A/C Dr.
Cash A/C Dr. Discount A/C Dr. Sales A/C Cr. |
1 | 18000
17640 360 |
36000 |
07-04-021 | Cash A/C Dr.
Discount A/C Dr. Suresh’s A/C Cr. |
1 | 34500
500 |
35000 |
08-04-021 | Lara Creation A/C Dr.
Sales A/C Cr. |
1 | 35000 |
35000 |
09-04-021 | Sales Returns A/C Dr.
Lara creation A/C Cr. |
1 | 5000 |
5000 |
10-04-021 | Bank A/C Dr.
Discount A/C Dr. Lara creation A/C Cr |
1 | 29500
500 |
30000 |
Conclusion – निष्कर्ष
दोस्तों आपने इस पोस्ट में जाना Journal Entry Rules In Hindi के बारे में दोस्तों यदि आपको जनरल एंट्री करने में कोई भी दिक्कत आ रही है तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं हम आपकी हेल्प जरुर करेंगे | दोस्तों यदि आपको टैली कोर्स की पीढ़ी ऐप को डाउनलोड करना है बिल्कुल फ्री में तो आप इसी वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं |
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